मुंह के किसी हिस्से में होने वाले सफेद धब्बे, निशान अथवा दाग को ल्यूकोप्लाकिया की बीमारी कहा जाता है। यह बीमारी मुंह के श्लेष्म झिल्ली या म्यूकस मेम्ब्रेन की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप होती है जो मुंह के अंदर की पतली व महीन त्वचा की सतह होती है I मुंह में इन सफेद दाग का विकास कभी भी हो सकता है I ल्यूकोप्लाकिया को स्मोकर्स केराटोसिस के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह बीमारी मुख्यतः धूम्रपान के कारण होती है I सामान्य से अधिक मात्रा में धूम्रपान करने से व्यक्ति के मुंह के अंदर की सतह पर सफेद निशान तथा दानेदार दाग बन जाते हैं और उन्हें ल्यूकोप्लाकिया की समस्या होने लगती है I
यह बीमारी कैंसर की पूर्व स्थिति होती है जिसमें जीभ, गाल के अंदर, मसूड़ों और होंठ में गाढे, बड़े सफेद धब्बे होते हैं I आमतौर पर ल्यूकोप्लेकिया द्वारा मुंह के ऊतकों में स्थायी क्षति नहीं होती है परन्तु जब ये निशान या दाग बढ़ जाते हैं अथवा जब ल्यूकोप्लेकिया एक गंभीर स्थिति में पहुँच जाता है तो इससे मुंह के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों खासकर वरिष्ठ वयस्कों में ल्यूकोप्लेकिया की समस्या अधिक देखने को मिलती है जो उनके जीवन में किसी भी समय हो सकती है I
जैन के गोमूत्र चिकित्सा क्लिनिक का उद्देश्य प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करके एक सुखी और स्वस्थ जीवन बनाना है। हमारी चिकित्सा का अर्थ है आयुर्वेद सहित गोमूत्र व्यक्ति के तीन दोषों पर काम करता है- वात, पित्त और कफ। ये त्रि-ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, इन दोषों में कोई भी असंतुलन, मानव स्वास्थ्य और बीमारी के लिए जिम्मेदार है। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे उपचार के तहत हमने इतने सारे सकारात्मक परिणाम देखे हैं। हमारे इलाज के बाद हजारों लोगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिला।
हमारे मरीज न केवल अपनी बीमारी को खत्म करते हैं बल्कि हमेशा के लिए एक रोग मुक्त स्वस्थ जीवन जीते हैं। यही कारण है कि लोग हमारी चिकित्सा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक उपचारों में हमारे वर्षों के शोध ने हमें अपनी कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाने में मदद की है। हम पूरी दुनिया में एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण करने के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।
गोमूत्र चिकित्सीय दृष्टिकोण के अनुसार कुछ जड़ी-बूटियां शारीरिक दोषों (वात, पित्त और कफ) को फिर से जीवंत करने का काम करती हैं जो कि ज्यादातर ल्यूकोप्लाकिया का कारण होती हैं अगर वे असम्बद्ध हैं। कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में इनसे निपटने के लिए बहुत से सहायक तत्व शामिल होते हैं। यह काया के चयापचय में सुधार करता है।
हम अपने गोमूत्र चिकित्सा में गोजला का उपयोग करते हैं, मूल रूप से इसका मतलब है कि हमारी दवा में मुख्य घटक गोमूत्र अर्क है। यह अर्क गाय की देसी नस्लों के मूत्र से बना है। गोजला के अपने फायदे हैं क्योंकि यह किसी भी प्रकार के संदूषण की संभावना से परे है। इसकी गुणवत्ता उच्च है एवं प्रचुर मात्रा में है। जब गोजला आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता है तो यह किसी भी बीमारी के इलाज के लिए अधिक प्रभावी हो जाता है और विशेष बीमारियों में अनुकूल परिणाम देता है। इस अर्क का अत्यधिक परीक्षण किया गया है और इसलिए यह अधिक विश्वसनीय और लाभदायक भी है।
गोमूत्र के उपचार से उपयुक्त स्वास्थ्य मिलता है और एक क्रम में शरीर के दोषों में संतुलन बनाए रखता है। इन दिनों हमारे उपचार के परिणामस्वरूप लोग अपने स्वास्थ्य को लगातार सुधार रहे हैं। यह उनके रोजमर्रा के जीवन-गुणवत्ता में सुधार करता है। गोमूत्र के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवा का उपचार विभिन्न उपचारों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए पूरक थेरेपी के रूप में कार्य कर सकते हैं जो भारी खुराक, बौद्धिक तनाव, विकिरण और कीमोथेरेपी के उपयोग से आते हैं। हम लोगों का मार्गदर्शन करते हैं, एक सुखी और तनाव मुक्त जीवन जीने का एक तरीका सिखाते है, यदि उन्हें कोई असाध्य बीमारी है तो। हमारे उपाय करने के बाद हजारों मनुष्य एक संतुलित जीवन जीते हैं और यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि हम उन्हें एक जीवनशैली दें जो वे अपने सपने में देखते हैं।
आयुर्वेद में गोमूत्र का उच्च स्थान है जो ल्यूकोप्लाकिया के लिए उचित रूप से सहायक है। हमारे वर्षों के कठिन परिश्रम से पता चलता है कि हमारे हर्बल उपचार के उपयोग से ल्यूकोप्लाकिया की कई जटिलतायें लगभग गायब हो जाती हैं। हमारे मरीज मुंह के अंदरूनी हिस्सों में दर्द व जलन, सफ़ेद निशान, ग्रे पैच , मुंह के अंदर दानेदार घाव आदि में एक बड़ी राहत महसूस करते हैं. यह उपचार रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता हैं जो ल्यूकोप्लाकिया की अन्य जटिलताओं के लिए अनुकूल रूप से काम करता है, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं को नियंत्रित करते हैं।
अगर हम जीवन प्रत्याशा के बारे में बात करते हैं, तो गोमूत्र चिकित्सा अपने आप में बहुत आशावाद है। कोई भी विकार, चाहे वह मामूली हो या गंभीर, मानव शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है और जीवन में वर्षों तक बना रहता है। रोग की पहचान होने पर जीवन प्रत्याशा कम होने लगती है, लेकिन गोमूत्र उपचार के साथ नहीं। न केवल हमारी प्राचीन चिकित्सा बीमारी को दूर करती है, बल्कि यह मनुष्य के जीवन को उसके शरीर में किसी भी दूषित पदार्थों को छोड़े बिना बढ़ाती है और यही हमारा अंतिम उद्देश्य है।
"सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्", इसका अर्थ है कि सभी को खुश रहने दें, सभी को रोग मुक्त होने दें, सभी को सत्य देखने दें, कोई भी दुःख का अनुभव नहीं करे। इस कहावत का पालन करते हुए, हम अपने समाज को इसी तरह बनाना चाहते हैं। हमारा उपाय विश्वसनीय उपचार देने, जीवन प्रत्याशा बढ़ाने और प्रभावित लोगों की दवा निर्भरता कम करने के माध्यम से इसे पूरा करता है। हमारे उपाय में इस वर्तमान दुनिया में उपलब्ध किसी भी वैज्ञानिक उपचारों की तुलना में अधिक लाभ और शून्य जोखिम हैं।
व्यापक चिकित्सा पद्धति के विपरीत, हम रोग और कारकों के मूल कारण पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो केवल रोग के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय रोग पुनरावृत्ति की संभावना में सुधार कर सकती हैं। इस पद्धति का उपयोग करके, हम पुनरावृत्ति दरों को सफलतापूर्वक कम कर रहे हैं और लोगों के जीवन को एक नई दिशा दे रहे हैं ताकि वे भावनात्मक और शारीरिक रूप से बेहतर तरीके से अपना जीवन जी सकें।
कुछ निम्नलिखित कारण ल्यूकोप्लेकिया की बीमारी उत्पन्न करने में जिम्मेदार होते है -
जो व्यक्ति धुंआ रहित तम्बाकू अथवा धूम्रपान वाले तम्बाकू का अत्यधिक सेवन करते है उन्हें ल्यूकोप्लाकिया की समस्या अधिक होती है I धूम्रपान वाला तंबाकू जब जलता है तो वह टार नामक एक विशिष्ट पदार्थ पैदा करता है जो धुएं के साथ व्यक्ति के मुंह से होते हुए फेफड़ों में जाता है I जब मुंह की श्लेष्मा झिल्ली किसी भी प्रकार के तम्बाकू के संपर्क में आती है तो वह तम्बाकू में उपस्थित इन पदार्थों के प्रति प्रतिक्रिया करने लगती है जिस वजह से व्यक्ति के मुंह के अंदर त्वचा का रंग सफेद हो जाता है और उन्हें ल्यूकोप्लाकिया होने लगता है I
कैंडिडा एल्बीकैंस नामक कवक, एचआईवी एड्स, एचपीवी (HPV's) जैसे अन्य संभावित एजेंट द्वारा मुंह की श्लेष्म झिल्ली में संक्रमण से ल्यूकोप्लेकिया की बीमारी होने का कारण माने जाने वाले कई ज़िम्मेदार कारक हो सकते है I
ल्यूकोप्लेकिया का ख़तरा उन लोगो को अधिक रहता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बेहद कमज़ोर होती है I किसी व्यक्ति की कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली उसके शरीर में कई तरह की बीमारियों व संक्रमण के ख़तरे को बढ़ा सकती है जिससे अन्य समस्याओं के साथ व्यक्ति को ल्यूकोप्लेकिया की समस्या भी हो सकती है I
जरूरत से ज्यादा शराब पीने से भी व्यक्ति के मुंह के अंदर आसानी से न हटने वाले सफेद निशान तथा साथ ही दानेदार दाग भी बन जाते हैं । लम्बे समय तक शराब पीने की यह आदत और अधिक दाग को विकसित करती है जिससे व्यक्ति को ल्यूकोप्लाकिया की बीमारी होती हैं।
यदि किसी व्यक्ति के दाँत असामान्य है तो ऐसे व्यक्ति को भी ल्यूकोप्लेकिया की समस्या हो सकती है I दाँतो का आगे-पीछे होना, तीखा होना, आधा टूटा हुआ होना यह सभी दाँतो की असामान्य संरचना होती है जिसके कारण व्यक्ति के मुँह में बोलते व खाते समय किसी तरह का कट लगने से घाव हो जाते है और उन्हें ल्यूकोप्लेकिया की समस्या का सामना करना पड़ सकता है I
वह व्यक्ति जो डेन्चर का उपयोग करते है उन्हें ल्यूकोप्लेकिया होने का ख़तरा हो सकता है I डेन्चर व्यक्ति के खोये हुए दांतों को प्रतिस्थपित करने का एक उपकरण होता हैं I बार बार डेन्चर को निकालने व लगाने से व्यक्ति के मुंह का रिज एरिया क्षतिग्रस्त होता है जिससे वहां सफ़ेद घाव होने लगने है और व्यक्ति को ल्यूकोप्लेकिया की समस्या होने लगती है I
ल्यूकोप्लाकिया से बचने हेतु व्यक्ति कई उपाय तथा बदलाव अपने जीवन में ला सकता है जिनमें शामिल है -
ल्यूकोप्लाकिया के लक्षणों में शामिल है -
ल्यूकोप्लाकिया मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है -
ल्यूकोप्लाकिया का सजातीय प्रकार मुंह में एक सपाट सफेद घाव के रूप में प्रकट होता है I यह सजातीय ल्यूकोप्लाकिया एक समान, पतला सफेद क्षेत्र होता है जो सामान्य म्यूकोसा के साथ बदल सकता है I सजातीय ल्यूकोप्लाकिया में होने वाले घाव सफेद सजीले टुकड़े के समान होते है जिनमें कैंसर होने की संभावना कम होती है।
गैर-सजातीय ल्यूकोप्लाकिया में मुँह में मिश्रित लाल और सफेद पैच का मिलता-जुलता रूप देखने को मिलता है जिनके कैंसर में बदलने की अधिक संभावना रहती है I गैर-सजातीय ल्यूकोप्लाकिया भी तीन उप प्रकारों में विभाजित है जिनमे शामिल है -
ल्यूकोप्लाकिया से ग्रसित व्यक्ति को निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है -