मल्टीपल माइलोमा रक्त कैंसर का दूसरा सबसे आम कैंसर माना जाता है I यह प्लाज्मा कोशिकाओं का कैंसर होता है I प्लाज्मा कोशिकाएं बोन मैरो में पाई जाती है I बोन मैरो हड्डी के केंद्र में पाई जाने वाले नरम ऊतक होते है I यह बोन मैरो शरीर में स्टेम कोशिकाओं का उत्पादन करता है तथा यह स्टेम कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाओं, सफ़ेद रक्त कोशिकाओं तथा प्लेटलेट्स का उत्पादन करती है तथा इनमें विकसित हो सकती हैI यह तीनों रक्त कोशिकाएं शरीर में रक्त बनाने हेतु विशिष्ट कार्यों को पूरा करती है I प्लाज्मा कोशिकाएं शरीर में एंटीबॉडी बनाने का काम करती है जिससे संक्रामक रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है I साथ ही यह रोग प्रतिरोधक शक्ति को भी बढ़ाती है। बोन मैरो अलग-अलग रूप से तीनों रक्त कोशिकाओं तथा स्टेम सेल में स्थित होती हैं I जब कैंसर कोशिकाएं बोन मैरो में एकत्रित होने लगती है तो व्यक्ति को मल्टीपल माइलोमा होता है I यह कैंसर कोशिकाएं धीरे-धीरे स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करने लगती है I मल्टिपल माइलोमा सफेद रक्त कोशिका का एक प्रकार, प्लाज्मा कोशिकाओं में शुरू होता है। मल्टीपल माइलोमा की वजह से प्लाज्मा कोशिकाएं द्वारा इम्युनोग्लोबुलिन प्रोटीन का अत्यधिक स्राव होने लगता है जिसके कारण शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचता है I प्लाज्मा कोशिकाओं के कैंसर ग्रस्त होने पर यह कोशिकाएं तीव्रता से विभाजित होते हुए एक से अधिक गांठ का रूप ले लेती है जिस वजह से इसे एकाधिक माइलोमा अर्थात मल्टीपल माइलोमा कहा जाता है I हमारी टीम बिना किसी दुष्प्रभाव के आयुर्वेदा द्वारा मल्टीपल मायलोमा का उपचार प्रदान करती है।
जैन के गोमूत्र चिकित्सा क्लिनिक का उद्देश्य प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करके एक सुखी और स्वस्थ जीवन बनाना है। हमारी चिकित्सा का अर्थ है आयुर्वेद सहित गोमूत्र व्यक्ति के तीन दोषों पर काम करता है- वात, पित्त और कफ। ये त्रि-ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, इन दोषों में कोई भी असंतुलन, मानव स्वास्थ्य और बीमारी के लिए जिम्मेदार है। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे उपचार के तहत हमने इतने सारे सकारात्मक परिणाम देखे हैं। हमारे इलाज के बाद हजारों लोगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिला।
हमारे मरीज न केवल अपनी बीमारी को खत्म करते हैं बल्कि हमेशा के लिए एक रोग मुक्त स्वस्थ जीवन जीते हैं। यही कारण है कि लोग हमारी चिकित्सा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक उपचारों में हमारे वर्षों के शोध ने हमें अपनी कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाने में मदद की है। हम पूरी दुनिया में एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण करने के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।
गोमूत्र चिकित्सा विधि के अनुसार कुछ जड़ी-बूटियां शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को फिर से जीवंत करने का काम करती हैं जो कि मल्टीपल माइलोमा का कारण बनती हैं यदि वे असम्बद्ध हैं। कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में उनके उपचार के लिए कई लाभकारी तत्व होते हैं। यह शरीर के चयापचय में सुधार करता है।
हम अपने गोमूत्र चिकित्सा में गोजला का उपयोग करते हैं, मूल रूप से इसका मतलब है कि हमारी दवा में मुख्य घटक गोमूत्र अर्क है। यह अर्क गाय की देसी नस्लों के मूत्र से बना है। गोजला के अपने फायदे हैं क्योंकि यह किसी भी प्रकार के संदूषण की संभावना से परे है। इसकी गुणवत्ता उच्च है एवं प्रचुर मात्रा में है। जब गोजला आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता है तो यह किसी भी बीमारी के इलाज के लिए अधिक प्रभावी हो जाता है और विशेष बीमारियों में अनुकूल परिणाम देता है। इस अर्क का अत्यधिक परीक्षण किया गया है और इसलिए यह अधिक विश्वसनीय और लाभदायक भी है।
गोमूत्र के उपचार से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शरीर के दोष संतुलित होते है। आज, व्यक्ति हमारी देखभाल के परिणामस्वरूप अपने स्वास्थ्य में तेजी से सुधार कर रहे हैं। यह उनके रोजमर्रा के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है। गोमूत्र के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाएं भारी खुराक, मानसिक तनाव, विकिरण और कीमोथेरेपी के उपयोग से विभिन्न दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एक पूरक चिकित्सा के रूप में काम कर सकती हैं। हम लोगों को बीमारी के साथ, यदि कोई हो तो, शांतिपूर्ण और तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए निर्देशित करते हैं। हमारे उपचार को लेने के बाद से, हजारों लोग एक स्वस्थ जीवन जीते हैं और यह हमारे लिए एक बड़ी सफलता है कि हम उन्हें एक ऐसा जीवन दें जो वे सपने में देखते हैं।
आयुर्वेद में, गोमूत्र का एक विशेष स्थान है जिसे अक्सर मल्टीपल माइलोमा जैसी भयानक बीमारियों के लिए मददगार कहा जाता है। हमारे वर्षों के श्रमसाध्य कार्य यह साबित करते हैं कि हमारी जड़ी-बूटियों का उपयोग करने से मल्टीपल माइलोमा की लगभग सभी जटिलताएँ समाप्त हो जाती हैं। हमारा उपचार कैंसर के दर्द में एक बड़ी राहत देता है, शरीर में हार्मोनल और रासायनिक परिवर्तनों को नियंत्रित करता हैं, शरीर के अन्य अंगों या आस-पास कैंसर कोशिकाओं के फैलने और बढ़ने की गति को धीमा करता हैं I साथ ही साथ यह रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता हैं I यह अन्य कैंसर जटिलताओं, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं को भी नियंत्रित करते हैं।
अगर हम जीवन प्रत्याशा की बात करें तो गोमूत्र चिकित्सा अपने आप में एक बहुत बड़ी आशा है। कोई भी बीमारी, चाहे वह छोटे पैमाने पर हो या एक गंभीर चरण में, मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी और यह कई वर्षों तक मौजूद रहेगी, कभी-कभी जीवन भर भी। एक बार बीमारी की पहचान हो जाने के बाद, जीवन प्रत्याशा बहुत कम होने लगती है, लेकिन गोमूत्र चिकित्सा के साथ नहीं। हमारी प्राचीन चिकित्सा न केवल बीमारी से छुटकारा दिलाती है, बल्कि शरीर में किसी भी विषाक्त पदार्थों को छोड़े बिना व्यक्ति के जीवनकाल को बढ़ाती है और यह हमारा अंतिम लक्ष्य है।
"सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्", जिसका अर्थ है सबको सुखी बनाना, बीमारी से छुटकारा दिलाना, सबको सत्य देखने देना, किसी को भी पीड़ा का अनुभव न होने देना। इस वाक्य के बाद, हम चाहते हैं कि हमारा समाज ऐसा ही हो। हमारी चिकित्सा विश्वसनीय उपचार प्रदान करके, जीवन प्रत्याशा में सुधार और प्रभावित आबादी में दवा की निर्भरता को कम करके इस लक्ष्य को प्राप्त करती है। आज की दुनिया में, हमारी चिकित्सा में अन्य उपलब्ध चिकित्सा विकल्पों की तुलना में अधिक फायदे और शून्य नुकसान हैं।
व्यापक चिकित्सा अभ्यास के विपरीत, हम रोग और तत्वों के मूल उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो इस पद्धति का उपयोग करके केवल बीमारी के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बीमारी की पुनरावृत्ति की संभावनाओं में सुधार कर सकते हैं, हम कुशलता से पुनरावृत्ति दर को कम रहे हैं और मानव जीवन के लिए एक नया रास्ता दे रहे हैं, जो कि उन्हें भावनात्मक और शारीरिक रूप से उनके जीवन को बेहतर तरीके से जीने का एक तरीका बताते है।
वैसे तो मल्टीपल माइलोमा होने का कोई ठोस कारण ज्ञात नहीं है फिर भी ऐसे कई जोखिम कारक है जो मल्टीपल माइलोमा के जोखिम को बढ़ाने में ज़िम्मेदार हो सकते है -
उम्र बढ़ने के साथ मल्टीपल माइलोमा का ख़तरा भी अधिक हो जाता है I इस बीमारी का जोखिम उन लोगों को सबसे अधिक होता है जिनकी उम्र साठ या इससे अधिक होती है I
यदि परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से ग्रसित रह चुका हो या जूझ रहा हो तो संभव है की अन्य सदस्यों को भी भविष्य में मल्टीपल माइलोमा का सामना उनके पारिवारिक इतिहास के कारण करना पड़े I
जिन लोगो को प्लाज्मा से सम्बंधित अन्य रोग है उन्हें मल्टीपल माइलोमा विकसित होने की सम्भावना कई अधिक हो सकती है I यह रोग एकान्त प्लास्मेसीटोमा, एमजीयूएस और अन्य प्लाज्मा से संबंधित रोग हो सकते है जो किसी व्यक्ति के लिए इस बीमारी के ख़तरे को बढ़ा सकते है I
जिन लोगों का वजन सामान्य से अधिक होता है उन्हें यह बीमारी होने का जोखिम उच्च रहता है I मोटापा शरीर में अत्यधिक वसा का कारण बनता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करता है और हार्मोन व कोशिकाओं के कामकाज को प्रभावित करता है, जिससे असामान्य कोशिकाएं बढ़ती हैं और कैंसर का कारण बनती हैं।
जो व्यक्ति एक लम्बे अरसे से शराब का सेवन अत्यधिक मात्रा में करते है ऐसे व्यक्ति को मल्टीपल माइलोमा होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है I एल्कोहल का में मौजूद कैंसर जनित तत्व शरीर की असामान्य कोशिकाओं को सक्रिय कर देते है जिस वजह से व्यक्ति को अन्य कैंसर सहित मल्टीपल माइलोमा का भी ख़तरा बना रहता है I
रेडिएशन के अत्यधिक संपर्क में रहने से भी किसी व्यक्ति को यह कैंसर होने की संभावना हो सकती है I
मल्टीपल माइलोमा को ठीक नहीं किया जा सकता है परन्तु कुछ निम्नलिखित प्रयासों द्वारा इसके जोखिम को कम तथा प्रगति को धीमा किया जा सकता है -
मल्टीपल माइलोमा के विभिन्न लक्षण व संकेत किसी व्यक्ति में दिखाई दे सकते है जिनमें शामिल है -
मुख्य रूप से मल्टीपल माइलोमा दो प्रकार का होता है -
मल्टीपल माइलोमा का यह प्रकार स्पर्शोन्मुख माइलोमा के नाम से भी जाना जाता है I इस प्रकार के कैंसर में माइलोमा धीमी गति से विकसित होते है तथा बोन मैरो में प्लाज्मा कोशिकाओं के बढ़ने के कोई लक्षण पता नहीं चलते है I स्मोलडरिंग मल्टीपल माइलोमा के अंतर्गत मोनोक्लोनल प्रोटीन की उत्पति होती है जिसका मापन रक्त और मूत्र में किया जा सकता है I इसे एक दुर्लभ रक्त कैंसर का प्रारंभिक अग्रणी भी माना जाता है I
यह मल्टीपल माइलोमा का आक्रामक रूप होता है जिसके अंतर्गत प्लाज्मा कोशिकाएं तीव्र गति से बढ़ती तथा विकसित होती है I एक्टिव मल्टीपल माइलोमा बोन मैरो के बाहर भी तीव्रता से फैलता है तथा मल्टीपल माइलोमा की भांति ही समान लक्षणों व संकेतों को प्रकट करता है I
मल्टीपल माइलोमा से ग्रसित एक व्यक्ति कई निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करता है -