मुंह में छाले एक ऐसी स्थिति है जिसमें मुंह के अंदर के किसी भी हिस्से पर लाल अथवा सफ़ेद घाव उभर आते है I मुंह के हिस्सों की झिल्ली अथवा परत बहुत ही नाजुक व पतली होती है I यह छाले सतही छाले होते है जो मुंह के किसी भी हिस्से के मुलायम ऊतक पर हो सकते है I इन हिस्सों में होंठ, जीभ या मसूड़े, गालों के भीतरी हिस्से, गले तथा तालू आदि आते है जिनके प्रभावित होने पर व्यक्ति को उन हिस्सों में छाले हो जाते है और उन्हें काफी दर्द महसूस होता है I यह छाले लाल तथा सफ़ेद धब्बों की भांति दिखाई देते है व छोटे- बड़े किसी भी आकार तथा कितनी भी संख्या में हो सकते है I यद्यपि कुछ दिनों में मुंह में हुए छाले स्वतः ही समाप्त हो जाते है लेकिन कुछ मामलो में यह गंभीर रूप ले सकते है जिस वजह से व्यक्ति को बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है I गौमूत्र चिकित्सा द्वारा मुंह के छाले का उपचार बहुत ही असरदार है I
यह समस्या बेहद आम तथा सामान्य है जिसका सामना हर दूसरे व्यक्ति को करना पड़ता है I व्यक्ति जब अत्यधिक तीखा, गरम और मिर्च मसालों से भरपूर भोजन का सेवन करता है अथवा कब्ज और पेट की खराबी का सामना करता है तो ऐसी स्थिति में उसे छाले होते है I यह स्थिति कई बार बहुत ही कष्टदायक होती है जिसकी वजह से व्यक्ति को मुंह में जलन तथा कुछ भी खाने में दिक्कत हो सकती है। समय पर यदि इन छालो का इलाज न करवाया जाये तो इनकी गंभीर स्थिति कैंसर का भी रूप ले सकती है।
जैन के गोमूत्र चिकित्सा क्लिनिक का उद्देश्य प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करके एक सुखी और स्वस्थ जीवन बनाना है। हमारी चिकित्सा का अर्थ है आयुर्वेद सहित गोमूत्र व्यक्ति के तीन दोषों पर काम करता है- वात, पित्त और कफ। ये त्रि-ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, इन दोषों में कोई भी असंतुलन, मानव स्वास्थ्य और बीमारी के लिए जिम्मेदार है। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे उपचार के तहत हमने इतने सारे सकारात्मक परिणाम देखे हैं। हमारे इलाज के बाद हजारों लोगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिला।
हमारे मरीज न केवल अपनी बीमारी को खत्म करते हैं बल्कि हमेशा के लिए एक रोग मुक्त स्वस्थ जीवन जीते हैं। यही कारण है कि लोग हमारी चिकित्सा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक उपचारों में हमारे वर्षों के शोध ने हमें अपनी कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाने में मदद की है। हम पूरी दुनिया में एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण करने के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।
कुछ जड़ी-बूटियां शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को फिर से जीवंत करने का कार्य करती हैं, जो कि गाय के मूत्र चिकित्सा दृष्टिकोण के अनुसार, यदि वे अनुपातहीन हैं, तो मुंह के छाले का कारण बन सकते है जिसके इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में कई सहायक तत्व हैं। यह शरीर के चयापचय को बढ़ाता है।
हम अपने गोमूत्र चिकित्सा में गोजला का उपयोग करते हैं, मूल रूप से इसका मतलब है कि हमारी दवा में मुख्य घटक गोमूत्र अर्क है। यह अर्क गाय की देसी नस्लों के मूत्र से बना है। गोजला के अपने फायदे हैं क्योंकि यह किसी भी प्रकार के संदूषण की संभावना से परे है। इसकी गुणवत्ता उच्च है एवं प्रचुर मात्रा में है। जब गोजला आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता है तो यह किसी भी बीमारी के इलाज के लिए अधिक प्रभावी हो जाता है और विशेष बीमारियों में अनुकूल परिणाम देता है। इस अर्क का अत्यधिक परीक्षण किया गया है और इसलिए यह अधिक विश्वसनीय और लाभदायक भी है।
गोमूत्र के उपचार से उपयुक्त स्वास्थ्य मिलता है और एक क्रम में शरीर के दोषों में संतुलन बनाए रखता है। इन दिनों हमारे उपचार के परिणामस्वरूप लोग अपने स्वास्थ्य को लगातार सुधार रहे हैं। यह उनके रोज़मर्रा के जीवन-गुणवत्ता में सुधार करता है। गोमूत्र के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवा का उपचार विभिन्न उपचारों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए पूरक थेरेपी के रूप में कार्य कर सकते हैं जो भारी खुराक, बौद्धिक तनाव, विकिरण और कीमोथेरेपी के उपयोग से आते हैं। हम लोगों का मार्गदर्शन करते हैं, एक सुखी और तनाव मुक्त जीवन जीने का एक तरीका सिखाते है, यदि उन्हें कोई असाध्य बीमारी है तो। हमारे उपाय करने के बाद हजारों मनुष्य एक संतुलित जीवन जीते हैं और यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि हम उन्हें एक जीवनशैली दें जो वे अपने सपने में देखते हैं।
आयुर्वेद में गोमूत्र का उच्च स्थान है जो मुंह के छालो के लिए उचित रूप से सहायक है। हमारे वर्षों के कठिन परिश्रम से पता चलता है कि हमारे हर्बल उपचार के उपयोग से मुंह के छालो की की कई जटिलतायें लगभग गायब हो जाती हैं। हमारे मरीज मुंह में दर्द, चुभन, जलन, खाने-पीने तथा निगलने में कठिनाई, मसूड़ों, गाल, होंठ तथा तालुओ में सूजन, मुंह से खून आना आदि में एक बड़ी राहत महसूस करते हैं साथ ही रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता हैं जो मुंह के छालो की अन्य जटिलताओं के लिए अनुकूल रूप से काम करता है।
अगर हम जीवन प्रत्याशा के बारे में बात कर रहे हैं, तो गोमूत्र उपाय अपने आप में बहुत बड़ी आशा है। कोई भी विकार चाहे छोटे हो या गंभीर चरण में, मानव शरीर पर बुरे प्रभाव के साथ आते है और जीवनभर के लिए मौजूद रहते है। एक बार जब विकार को पहचान लिया जाता है, तो जीवन प्रत्याशा छोटी होने लगती है, लेकिन गोमूत्र चिकित्सा के साथ नहीं। हमारा ऐतिहासिक उपाय न केवल पूरी तरह से विकार का इलाज करता है बल्कि शरीर में किसी भी विषाक्त पदार्थों को छोड़ने के बिना उस व्यक्ति के जीवन-काल में वृद्धि करता है और यही हमारा अंतिम उद्देश्य है।
"सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्", इसका अर्थ है कि सभी को खुश रहने दें, सभी को रोग मुक्त होने दें, सभी को सत्य देखने दें, कोई भी दुःख का अनुभव नहीं करे । इस कहावत का पालन करते हुए, हम चाहते हैं कि हमारा समाज ऐसा ही हो। हमारी चिकित्सा विश्वसनीय उपचार देकर, जीवन प्रत्याशा में सुधार और प्रभावित लोगों की दवा निर्भरता को कम करके इस कहावत को पूरा करती है। इस आधुनिक दुनिया में अन्य उपलब्ध चिकित्सा विकल्पों की तुलना में हमारी चिकित्सा में अधिक फायदे और नुकसान शून्य हैं।
व्यापक वैज्ञानिक अभ्यास के अलावा, हमारा केंद्र बिंदु रोग और उसके तत्वों के मूल उद्देश्य पर है जो केवल बीमारी के प्रशासन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय विकार पुनरावृत्ति की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। इस पद्धति के उपयोग से, हम पुनरावृत्ति दर को सफलतापूर्वक कम कर रहे हैं और लोगों की जीवन शैली को एक नया रास्ता दे रहे हैं ताकि वे अपने जीवन को भावनात्मक और शारीरिक रूप से उच्चतर तरीके से जी सकें।
मुंह में छालों के लिए कई निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते है -
किसी भी कारण से यदि मुंह की झिल्ली में चोट लग जाती है तो यह छालों का कारण बनती है I यह चोट व्यक्ति को या तो किसी भी तरह के खेल से हो सकती है या कुछ खाते समय अथवा बात करते समय जीभ, गाल की झिल्ली दाँतों के बीच आ जाने से या फिर कोई दन्त रोग का लिया उपचार आदि से लग सकती है जिससे व्यक्ति को क्षतिग्रस्त हुई जगह पर छाले होने लगते है I
व्यक्ति के शरीर में होने वाला किसी भी तरह का वायरल, बैक्टिरियल व फंगल संक्रमण उनके मुंह में छालों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार होते है I यह संक्रमण व्यक्ति की कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम हो सकते है I
यदि किसी व्यक्ति की पाचन क्रिया कमज़ोर है अथवा यदि खाया हुआ भोजन ठीक तरह से पच नहीं पाता है तो यह स्थिति कब्ज की समस्या पैदा करती है जिससे व्यक्ति को मुंह में कई छाले एक साथ होने लगते है I
व्यक्ति अपने टेढ़े-मेढ़े दाँतों को सीधा करने के लिए डेंटिस्ट द्वारा दांतों में तार लगवाता है I यह तार ब्रेसेस कहलाता है जिसकी मदद से दाँतों को एक पंक्ति में लाकर सीधा किया जाता है I कई बार यह ब्रेसेस ठीक तरह से नहीं लगे हुए होते है जिसके कारण यह लगातार मुंह में चुभते रहते है जिससे व्यक्ति को छाले होते है I
यदि व्यक्ति का मुंह एक लम्बे समय तक शुष्क रहता है तो यह छालों का कारण बन सकता है I मुंह का सुखना अथवा शुष्क होना, उनके शरीर में पानी की कमी को दर्शाता है जिससे उनके मुंह में छाले होने लगते है I
अत्यधिक मात्रा में अम्लीय भोजन तथा फलों का सेवन पेट में एसिड की मात्रा को बढ़ाता है जिस वजह से व्यक्ति को मुंह में छाले होने लगते है I
यदि व्यक्ति के शरीर में जिंक, आयरन, विटामिन बी-12,फोलिक एसिड जैसे पौषक तत्वों की कमी होती है तो यह कमी व्यक्ति को बार बार छालों से परेशान कर सकती है I
व्यक्ति में होने वाले हार्मोन परिवर्तन का सीधा प्रभाव पेरियोडोंटल ऊतकों के परिवर्तन पर पड़ सकता है I यह पेरियोडोंटल ऊतक दाँत और आसपास के मसूड़ों या मसूड़े के ऊतक होते है I ख़ासकर महिलाओ के हार्मोन में उनके मासिक धर्म के दौरान बदलाव आते है जिससे उनके मुंह में छाले होते है I
अपर्याप्त नींद अथवा नींद की कमी व्यक्ति की पाचन क्रिया को ख़राब करती है जिससे उन्हें छालों की समस्या होती है I
अत्यधिक सिगरेट, बीड़ी, शराब पीने और तंबाकू, गुटखा चबाने वाले व्यक्तियों को अधिक छाले होते है तथा कई बार यह छाले गंभीर अवस्था में पहुँच जाते है साथ ही अत्यधिक गरम, मिर्च मसाले, तैलीय भोजन का सेवन करने वाले व्यक्तियों को भी छालों की समस्या अधिक रहती है I दवाइयों के दुष्प्रभाव, अत्यधिक तनाव आदि छालों के अन्य कारण हो सकते है I
व्यक्ति कई उपायों के द्वारा मुंह के छालों से अपना बचाव कर सकता है -
मुंह के छालों के निम्नलिखित लक्षण व संकेत होते हैं-
मुंह के छाले निम्नलिखित तीन रूपों में होते है -
मुंह के छालों से ग्रसित व्यक्ति को निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है -