सेरेब्रल पाल्सी, विकारों के समूह की वह स्थिति है जो कि गतिविधि और हावभाव को नियंत्रण करने वाली मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। यह बीमारी मस्तिष्क से जुडी मांसपेशियों में कमज़ोरी के परिणामस्वरूप विकसित होती है जिससे पीड़ित व्यक्ति को अपने मस्तिष्क का उपयोग करने में समस्या होने लगती है I आमतौर पर यह बीमारी उस समय विकसित होती है जब जन्म से पहले शिशु के मस्तिष्क के किसी हिस्से में कोई चोट लगती है या फिर यह अधिकतर जन्म से पहले उस क्षति के कारण होती है जो अपरिपक्व मस्तिष्क के विकसित होने पर होती है I अधिकांश बच्चे सेरेब्रल पाल्सी के साथ पैदा होते हैं इसलिए इसे जन्मजात सेरेब्रल पाल्सी के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन कई बार बच्चों में यह जन्म के बाद भी शुरू हो सकता है I शिशु अथवा चार साल की उम्र से कम उम्र के बच्चों को आमतौर पर पूर्वस्कूली वर्ष या शिशु होने के दौरान इस बीमारी के लक्षणों का अनुभव होता है I अलग अलग बच्चों में इस बीमारी की स्थिति के अनुसार हल्के से लेकर गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते है I समय के साथ इस बीमारी के लक्षण न हीं बढ़ते हैं और न ही बिगड़ते हैं। पर इससे ग्रसित बच्चो को कई तरह की दिमागी असामान्यताओं का सामना करना पड़ता है I
जैन के गोमूत्र चिकित्सा क्लिनिक का उद्देश्य प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करके एक सुखी और स्वस्थ जीवन बनाना है। हमारी चिकित्सा का अर्थ है आयुर्वेद सहित गोमूत्र व्यक्ति के तीन दोषों पर काम करता है- वात, पित्त और कफ। ये त्रि-ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, इन दोषों में कोई भी असंतुलन, मानव स्वास्थ्य और बीमारी के लिए जिम्मेदार है। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे उपचार के तहत हमने इतने सारे सकारात्मक परिणाम देखे हैं। हमारे इलाज के बाद हजारों लोगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिला।
हमारे मरीज न केवल अपनी बीमारी को खत्म करते हैं बल्कि हमेशा के लिए एक रोग मुक्त स्वस्थ जीवन जीते हैं। यही कारण है कि लोग हमारी चिकित्सा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक उपचारों में हमारे वर्षों के शोध ने हमें अपनी कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाने में मदद की है। हम पूरी दुनिया में एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण करने के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।
गोमूत्र चिकित्सा दृष्टिकोण के अनुसार, कई जड़ी-बूटियां, शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को फिर से जीवंत करने का काम करती हैं, जो सेरेब्रल पाल्सी का कारण बनते हैं अगर वे अनुपातहीन हैं। कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में, उनके उपचार के लिए कई लाभकारी तत्व होते हैं। यह शरीर के चयापचय को बढ़ाता है।
हम अपने गोमूत्र चिकित्सा में गोजला का उपयोग करते हैं, मूल रूप से इसका मतलब है कि हमारी दवा में मुख्य घटक गोमूत्र अर्क है। यह अर्क गाय की देसी नस्लों के मूत्र से बना है। गोजला के अपने फायदे हैं क्योंकि यह किसी भी प्रकार के संदूषण की संभावना से परे है। इसकी गुणवत्ता उच्च है एवं प्रचुर मात्रा में है। जब गोजला आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता है तो यह किसी भी बीमारी के इलाज के लिए अधिक प्रभावी हो जाता है और विशेष बीमारियों में अनुकूल परिणाम देता है। इस अर्क का अत्यधिक परीक्षण किया गया है और इसलिए यह अधिक विश्वसनीय और लाभदायक भी है।
गोमूत्र के उपचार से उपयुक्त स्वास्थ्य मिलता है और एक क्रम में शरीर के दोषों में संतुलन बनाए रखता है। इन दिनों हमारे उपचार के परिणामस्वरूप लोग अपने स्वास्थ्य को लगातार सुधार रहे हैं। यह उनके रोजमर्रा के जीवन-गुणवत्ता में सुधार करता है। गोमूत्र के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवा का उपचार विभिन्न उपचारों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए पूरक थेरेपी के रूप में कार्य कर सकते हैं जो भारी खुराक, बौद्धिक तनाव, विकिरण और कीमोथेरेपी के उपयोग से आते हैं। हम लोगों का मार्गदर्शन करते हैं, एक सुखी और तनाव मुक्त जीवन जीने का एक तरीका सिखाते है, यदि उन्हें कोई असाध्य बीमारी है तो। हमारे उपाय करने के बाद हजारों मनुष्य एक संतुलित जीवन जीते हैं और यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि हम उन्हें एक जीवनशैली दें जो वे अपने सपने में देखते हैं।
आयुर्वेद में, गोमूत्र का एक विशेष स्थान है जो सेरेब्रल पाल्सी जैसी बीमारियों के लिए भी सहायक है। हमारे वर्षों के प्रतिबद्ध कार्य यह साबित करते हैं कि हमारी हर्बल दवाओं के साथ, सेरेब्रल पाल्सी के कुछ लक्षण लगभग गायब हो जाते हैं। पीड़ित हमें बताते हैं कि वे भोजन निगलने में कठिनाई, बोलने में परेशानी, मांसपेशियो में कम या अधिक खिंचाव, मांसपेशिया कठोर होना, झटके या अनैच्छिक हरकतें, धीमी गति से चलने वाली हरकतें, शरीर झुकाकर चलना, पेशाब पर नियंत्रण न रख पाना, मुंह से जुडी समस्या रहना, सुनने में परेशानी होना, ठीक से देख न पाना, मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होना, चलने में कठिनाई होना, अत्यधिक लार आना, सीखने की मुश्किल होना, मुंह के रोग होना, असामान्य स्पर्श या दर्द की अनुभूति, दौरे आना आदि में एक बड़ी राहत महसूस करते हैं I हमारे उपचार से रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता हैं जो सेरेब्रल पाल्सी की अन्य जटिलताओं से संबंधित समस्याओं को नियंत्रित करते हैं।
अगर हम जीवन प्रत्याशा की बात करें तो गोमूत्र चिकित्सा अपने आप में एक बहुत बड़ी आशा है। कोई भी बीमारी, चाहे वह छोटे पैमाने पर हो या एक गंभीर चरण में, मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी और यह कई वर्षों तक मौजूद रहेगी, कभी-कभी जीवन भर भी। एक बार बीमारी की पहचान हो जाने के बाद, जीवन प्रत्याशा बहुत कम होने लगती है, लेकिन गोमूत्र चिकित्सा के साथ नहीं। हमारी प्राचीन चिकित्सा न केवल बीमारी से छुटकारा दिलाती है, बल्कि शरीर में किसी भी विषाक्त पदार्थों को छोड़े बिना व्यक्ति के जीवनकाल को बढ़ाती है और यह हमारा अंतिम लक्ष्य है।
"सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्", अर्थात सभी को हर्षित होने दें, सभी को रोग मुक्त होने दें, सभी को वास्तविकता देखने दें, किसी को कष्ट न होने दें। हम चाहते हैं कि इस कहावत को अपनाकर हमारी संस्कृति इसी तरह हो। हमारी चिकित्सा कुशल देखभाल प्रदान करके, प्रभावित रोगियों की जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने और दवा निर्भरता को कम करके इसे पूरा करती है। इस नए युग में, हमारे उपचार में उपलब्ध किसी भी औषधीय समाधान की तुलना में अधिक लाभ और कम जोखिम हैं।
व्यापक अभ्यास की तुलना में, हम रोग के अंतर्निहित कारण और कारणों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो विशेष रूप से रोग के नियंत्रण पर निर्भर होने के बजाय रोग की पुनरावृत्ति की संभावना को बढ़ा सकते हैं। हम इस दृष्टिकोण को लागू करके और लोगों के जीवन को एक अलग रास्ता प्रदान करके प्रभावी रूप से पुनरावृत्ति की दर कम कर रहे हैं ताकि वे अपने जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ तरीके से जी सकें।
सेरेब्रल पाल्सी आमतौर पर बच्चों के जन्म से पहले मस्तिष्क के विकास में हो रही रुकावटों के कारण होता है जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते है -
कई बार माँ को हुआ किसी तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे की रूबेला, सिफलिस, चिकनपॉक्स आदि गर्भाशय में विकसित भ्रूण को संक्रमित करता है जिसकी वजह से परिपक्व होने वाली मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होती है और जन्म लेने वाले बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी की समस्या होती है I पैदा हुए शिशु को संक्रमण होने के कारण उनके मस्तिष्क में तथा आस पास के हिस्सों में हुई सूजन भी उनके लिए इस बीमारी को विकसित करती है I
बच्चे के सिर पर लगी गहरी चोट भी उनके मस्तिष्क के हिस्सों की मांसपेशियों को कमज़ोर करती है जिससे उन्हें सेरेब्रल पाल्सी की समस्या का सामना करना पड़ता है I यह चोट किसी दुर्घटना के कारण या फिर बच्चे के ऊंचाई से गिरने पर सिर पर हुए आघात की वजह से हो सकती है जिससे उन्हें इस तरह का मानसिक विकार हो सकता है I
जन्म से पहले या फिर जन्म के बाद शिशु को हुई कुछ तरह की बीमारियाँ अथवा स्वास्थ्य स्थितियां उनके लिए सेरेब्रल पाल्सी के जोखिम को बढ़ाने में सहायक होती है जिनमें शामिल है- भ्रूण का आघात जिसमें शिशु के विकासशील मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति ना होना, गंभीर पीलिया होना, गर्भ में या नवजात शिशु के रूप में मस्तिष्क में रक्तस्त्राव होना, बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस, कठिन श्रम या प्रसव से संबंधित मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी होना आदि I
बच्चे के जन्म लेने के दौरान होने वाली कुछ जटिलताएं सेरेब्रल पाल्सी के जोखिम को अधिक करने के लिए जिम्मेदार हो सकती है I समय से पहले बच्चे का जन्म होना, जन्म के समय शिशु का वजन अत्यधिक कम होना, बच्चे का ब्रीच बर्थ (पहले पैर बाहर आना) होना, एक साथ एक से ज्यादा बच्चे पैदा होना जैसी जटिलताएं सेरेब्रल पाल्सी की वजह बन सकते है I
गर्भावस्था के दौरान माँ को होने वाले कुछ संक्रमण से बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी का ख़तरा काफी बढ़ सकता है I साइटोमेगलोवाइरस, टोक्सोप्लास्मोसिस, जर्मन खसरा, हरपीज, जीका वायरस संक्रमण जैसे गंभीर संक्रमण यदि किसी महिला को उनके गर्भावस्था के दौरान होते है तो संभव है की जन्म लेने वाले शिशु को सेरेब्रल पाल्सी की समस्या इन्ही संक्रमण की वजह से हो I
गर्भावस्था के समय माँ का मिथाइल मरकरी जैसे विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना, उनमें थायराइड की समस्याएं, आरएच बीमारी, जो मां के रक्त और उसके भ्रूण के बीच की असंगति होती है जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है, जन्मजात कुरूपतायें, बौद्धिक अक्षमता या दौरे आदि सेरेब्रल पाल्सी के अन्य कारण है जो इनके ख़तरे को बढ़ाने हेतु मददगार हो सकते है।
महिलाओं द्वारा किये गये कुछ उपाय उनके बच्चों के लिए इस बीमारी के ख़तरे को कम कर सकते है जिनमें शामिल है -
सेरेब्रल पाल्सी के लक्षणों में शामिल है -
बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी के मुख्य रूप से चार प्रकार देखने को मिल सकते है जिनमें शामिल है -
1. स्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी
करीब 80 % बच्चों में स्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी देखा जा सकता है I सेरेब्रल पाल्सी के इस प्रकार में मांसपेशियां काफी कठोर हो जाती है जो बच्चों की चलने फिरने जैसी गतिविधियों को बाधित करती है I प्रभावित अंगों के आधार पर इसे तीन उप प्रकारों में बांटा गया है -
2. डिस्किनेटिक सेरेब्रल पाल्सी
सेरेब्रल पाल्सी का यह दूसरा सबसे आम प्रकार है जो करीब 20% बच्चों को प्रभावित करता है I डिस्किनेटिक सेरेब्रल पाल्सी बच्चों के पुरे शरीर को प्रभावित करता है I जिसके कारण उन्हें निन्मलिखित तीन तरह की समस्याएं होती है -
3. एटैक्सिक सेरेब्रल पाल्सी
सेरेब्रल पाल्सी का यह सबसे कम सामान्य प्रकार है जो सिर्फ 10 % बच्चों में ही देखने को मिलता है I यह शरीर के संतुलन एवं समन्वयन को प्रभावित करता है जिससे बच्चों को चलने, बोलने, खाने, या अचानक गति करने में बहुत ही कठिनाई हो सकती है।
4. मिश्रित सेरेब्रल पाल्सी
मिश्रित सेरेब्रल पाल्सी, सेरेब्रल पाल्सी का बहुत ही दुर्लभ प्रकार है जिससे 10 % से भी कम बच्चे प्रभावित होते है I यह स्पास्टिक, डिस्किनेटिक व एटैक्सिक सेरेब्रल पाल्सी में से कम से कम दो रूपों का समायोजन होता है जिसके मिश्रित लक्षण पीड़ित बच्चों में देखने को मिलते है I
सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित बच्चों को कई दूसरी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है जिनमें शामिल है -