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अल्सर का इलाज

अवलोकन

एक प्रकार के घाव अथवा छाले जो पेट, आहारनाल या आँतों की अंदरूनी सतह पर विकसित होते हैं तथा उस जगह को संक्रमित करते है वह अल्सर कहे जाते है I यह अल्सर पेट के अस्तर में दरार और छिद्र के रूप में स्थित होते है I पेट छोटी आंतों में खाए हुए भोजन को भेजने से पहले भोजन के ठीक तरह से पाचन में सहायता करने के लिए एन्ज़ाइम और अम्लों को स्रावित करता है I जब भोजन पचाने वाला यह अम्ल आमाशय या आंत की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है तो व्यक्ति को अल्सर को समस्या होने लगती है I पेट में अतिरिक्त एसिड का स्त्राव अल्सर को उत्पन्न करने में मुख्य रूप से सहायक होता है I पेट में होने वाले यह अल्सर न केवल तकलीफदेह व दर्दनाक होते है बल्कि इसकी गंभीर स्थिति में यह किसी व्यक्ति के लिए बेहद खतरनाक भी साबित हो सकते है।

व्यक्ति की दिन प्रतिदिन बढती ख़राब दिनचर्या तथा गलत खान-पान का सबसे ज्यादा असर उनके पेट पर पड़ता है I जिस वजह से उनके पेट में अतिरिक्त एसिड का निर्माण होने लग जाता है जो आगे चलकर अल्सर की स्थिति का कारण बनते हैI आज के समय में प्रत्येक दस में से लगभग एक व्यक्ति किसी न किसी बिंदु पर अल्सर की बीमारी से ग्रसित होता है I इन अल्सर के एक बार उत्पन्न होने के बाद ठीक होने की गति बहुत धीमी होती है I पेट के अंदर और बाहर की सतहों पर यह कई रूप ले सकता है I अल्सर एक समय के पश्चात बढ़ना रुक जाते है तथा स्वतः ही ठीक हो जाते है परन्तु कुछ परिस्थितियों में यह गंभीर रूप ले लेते है जिसका व्यक्ति स्वयं इलाज नहीं कर पाता है और उसे चिकित्सीय उपचार का सहारा लेना पड़ता है I

अनुसंधान

जैन के गोमूत्र चिकित्सा क्लिनिक का उद्देश्य प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करके एक सुखी और स्वस्थ जीवन बनाना है। हमारी चिकित्सा का अर्थ है आयुर्वेद सहित गोमूत्र व्यक्ति के तीन दोषों पर काम करता है- वात, पित्त और कफ। ये त्रि-ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं, इन दोषों में कोई भी असंतुलन, मानव स्वास्थ्य और बीमारी के लिए जिम्मेदार है। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे उपचार के तहत हमने इतने सारे सकारात्मक परिणाम देखे हैं। हमारे इलाज के बाद हजारों लोगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिला।

हमारे मरीज न केवल अपनी बीमारी को खत्म करते हैं बल्कि हमेशा के लिए एक रोग मुक्त स्वस्थ जीवन जीते हैं। यही कारण है कि लोग हमारी चिकित्सा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक उपचारों में हमारे वर्षों के शोध ने हमें अपनी कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाने में मदद की है। हम पूरी दुनिया में एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण करने के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।

गोमूत्र चिकित्सा द्वारा प्रभावी उपचार

कुछ जड़ी-बूटियां शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को फिर से जीवंत करने का कार्य करती हैं, जो कि गाय के मूत्र चिकित्सा दृष्टिकोण के अनुसार, यदि वे अनुपातहीन हैं, तो अल्सर का कारण बन सकते है जिसके इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में कई सहायक तत्व हैं। उनके इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में कई सहायक तत्व हैं। यह शरीर के चयापचय को बढ़ाता है।

जीवन की गुणवत्ता

गोमूत्र का उपचार अच्छा स्वास्थ्य देता है और संतुलन बनाए रखता है। आज, हमारे उपचार के कारण, लोग अपने स्वास्थ्य में लगातार सुधार कर रहे हैं। यह उनके दैनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। भारी खुराक, मानसिक तनाव, विकिरण और कीमोथेरेपी के उपयोग से होने वाले विभिन्न दुष्प्रभावों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा और गोमूत्र को पूरक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हम लोगों को असाध्य रोगों से खुश, तनाव मुक्त जीवन जीना सिखाते हैं। हमारे उपचार को प्राप्त करने के बाद हजारों लोग एक संतुलित जीवन जी रहे हैं। यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि हम उन्हें उनके सपनों की जिंदगी दे सकते है।

जटिलता निवारण

आयुर्वेद में गोमूत्र का एक विशेष स्थान है जिसे अल्सर के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। हमारी वर्षों की कड़ी मेहनत से पता चलता है कि आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उपयोग से अल्सर की लगभग कई जटिलताएँ गायब हो जाती हैं। हमारे रोगियों को उनके पेट के ऊपरी भाग में दर्द, आंतों में जलन होना, गैस, खट्टी डकार,पेट में भारीपन व दबाव, पेट में सूजन तथा हार्मोनल व रासायनिक परिवर्तनों में एक बड़ी राहत महसूस होती है साथ ही साथ रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है जो अल्सर की अन्य जटिलताओं के लिए अनुकूल रूप से काम करता है I 

जीवन प्रत्याशा

यदि हम किसी व्यक्ति की अस्तित्व प्रत्याशा के बारे में बात कर रहे हैं तो गोमूत्र उपाय स्वयं में एक बड़ी आशा हैं। कोई भी बीमारी या तो छोटी या गंभीर स्थिति में होती है, जो मानव शरीर पर बुरा प्रभाव डालती है और कुछ वर्षों तक मौजूद रहती है, कभी-कभी जीवन भर के लिए। एक बार विकार की पहचान हो जाने के बाद, अस्तित्व प्रत्याशा कम होने लगती है, लेकिन गोमूत्र चिकित्सा के साथ नहीं। हमारा ऐतिहासिक उपाय अब इस बीमारी से सबसे प्रभावी रूप से ही छुटकारा नहीं दिलाता है, बल्कि उस व्यक्ति की जीवनशैली-अवधि में भी वृद्धि करता है और उसके रक्त प्रवाह में कोई विष भी नहीं छोड़ता है और यही हमारा अंतिम उद्देश्य है।

दवा निर्भरता को कम करना

“सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्", अर्थात सभी को प्रसन्न होने दो, सबको बीमारी से मुक्त कर दो, सभी को सत्य देख लेने दो, किसी को कष्ट नहीं होने दो।" हम चाहेंगे कि इस आदर्श वाक्य को अपनाकर हमारी संस्कृति भी ऐसी ही हो। हमारी चिकित्सा कुशल देखभाल प्रदान करके, प्रभावित रोगियों की जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने और दवा निर्भरता को कम करके इसे पूरा करती है। इस नई दुनिया में, हमारे उपचार में उपलब्ध किसी भी औषधीय समाधान की तुलना में अधिक लाभ और कम नकारात्मकता हैं।

पुनरावृत्ति की संभावना को कम करना

व्यापक अभ्यास की तुलना में, हम रोग के अंतर्निहित कारण और कारणों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो विशेष रूप से रोग के नियंत्रण पर निर्भर होने के बजाय रोग की पुनरावृत्ति की संभावना को बढ़ा सकते हैं। हम इस दृष्टिकोण को लागू करके और लोगों के जीवन को एक अलग रास्ता प्रदान करके प्रभावी रूप से पुनरावृत्ति की दर कम कर रहे हैं ताकि वे अपने जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ तरीके से जी सकें।

अल्सर के कारण

अल्सर अधिकांशतः पेट एवं आँतों की अंदरूनी सतह पर अम्ल (एसिड) के दुष्प्रभावों के कारण होते हैं जिसके लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते है-

  • अनियमित दिनचर्या
  • गतिहीन जीवन शैली
  • धूम्रपान
  • नशीले पदार्थों का अत्यधिक सेवन
  • खाने- पीने में गड़बड़ी
  • बैक्टीरिया के संक्रमण
  • धूम्रपान एवं नशीले पदार्थों का सेवन
  • अनुवांशिक कारण
  • शारीरिक असक्रियता
  • अत्यधिक तनाव
  • मोटापा
  • चाय, कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन
  • ज्यादा खट्टी, मसालेदार और तीखी चीज़े खाना
  • ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाओं का सेवन
  • डायबिटीज़                    

 

अल्सर से निवारण

अल्सर से बचने के लिए व्यक्ति को कई निम्नलिखित उपायों तथा आदतों को अपने दैनिक जीवन में अपनाने की आवश्यकता है-

  • व्यक्ति को अधिक से अधिक संतुलित व स्वास्थ्यवर्धक आहार का सेवन करना चाहिए I
  • धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन करने जैसी आदतों को व्यक्ति को त्यागना चाहिए I 
  • व्यक्ति को दर्द निवारक दवाओ का कम से कम सेवन करना चाहिए I
  • व्यक्ति को अपना वजन संतुलित रखना चाहिए व बढ़े हुए वजन को कम करने का प्रयास करना चाहिए I
  • नियमित सैर, व्यायाम, योग तथा कसरत जैसी स्वस्थ आदतें व्यक्ति को अपनानी चाहिए I
  • व्यक्ति को नशीले पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए I
  • व्यक्ति को तनाव मुक्त जीवन जीने का ध्यान रखना चाहिए I
  • व्यक्ति को प्रतिदिन नियमित समय पर भोजन करने की आदत बनानी चाहिए I
  • चाय, कॉफ़ी अथवा अन्य पेय पदार्थो का अत्यधिक सेवन करने से व्यक्ति को बचना चाहिए I
  • व्यक्ति को अत्यधिक गर्म, तेलयुक्त, तीखे-मसालेदार भोजन का सेवन कम करना चाहिए I

अल्सर के लक्षण

अल्सर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते है -

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द महसूस होना
  • आंतों में जलन होना 
  • गैस की समस्या होना
  • खट्टी डकार आना 
  • पेट में भारीपन व दबाव का एहसास होना
  • पेट में सूजन आना 
  • उल्टी तथा जी मिचलाना
  • भूख न लगना 
  • वजन गिरना
  • सीने में जलन होना
  • अधिक गंभीर स्थितियों में खून की उल्टी होना
  • मल में खून आना या मल का रंग गहरा होना
  • वसायुक्त व गर्म खाद्य पदार्थों के प्रति असहजता होना

 

अल्सर के प्रकार

अल्सर निम्न प्रकार के हो सकते है -

  • पेप्टिक अल्सर
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस 
  • गैस्ट्रिक अल्सर
  • क्रोहन रोग
  • अग्नाशयशोथ
  • डायरियाँ
  • इसोफैगियल अल्सर
  • डुओडेनल अल्सर

अल्सर की जटिलताएँ

पेट में अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है -

  • जब अल्सर रक्त वाहिका के स्थल पर बनते है तो यह आंतरिक रक्तस्राव का कारण बन सकते है I
  • व्यक्ति को खून की उल्टी हो सकती है या मल में रक्त आ सकता है I
  • व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो सकती है I
  • अल्सर किसी व्यक्ति के पेट या आँतों में सुराख कर सकते है I
  • अल्सर की बेहद गंभीर स्थिति पेट में कैंसर का कारण बन सकती है I
  • अल्सर पेट की गुहा क्षेत्र में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते है I
  • अपचित भोजन कणों के साथ व्यक्ति को बार-बार उल्टी होती है I
  • व्यक्ति के शरीर में कमज़ोरी आने लगती है व थकावट बढने लगती है I
  • कभी कभी व्यक्ति के पेट में अल्सर फूट जाता है जो व्यक्ति के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

मान्यताएं